ईशावास्य उपनिषद् का अर्थ
[ eeshaavaasey upenised ]
ईशावास्य उपनिषद् उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- मुख्य उपनिषदों में से एक :"ईशोपनिषद् यजुर्वेद से संबंधित है"
पर्याय: ईशोपनिषद्, ईशोपनिषद, ईशावास्य उपनिषद, ईशावास्योपनिषद्, ईशावास्योपनिषद, ईशावास्य, ईश उपनिषद्, ईश उपनिषद, ईश
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ईशावास्य उपनिषद् शुक्ल यज्ञुर्वेद सम्हिता का अन्तिम अध्याय
- ईशावास्य उपनिषद् की वीडियो इन्टरनेट पर उपलब्ध है।
- ईशावास्य उपनिषद् में कुल 18 मंत्र हैं।
- ईशावास्य उपनिषद् पर 1995 में बाबाजी ( परम पूज्य स्वामी
- ईशावास्य उपनिषद् में कहा है कि-
- ईशावास्य उपनिषद् में कहा है कि-
- ईशावास्य उपनिषद् का सूत्र वाक्य ही है - तेन त्यक्तेन भुज्जीथा मा गृध :
- ईशावास्य उपनिषद् का बहुत मार्मिक सूत्र है : ‘ स्वर्ण के पात्र से सत्य का मुख ढंका हुआ है।
- ईशावास्य उपनिषद् , श्लोक- 3 इसीलिए ग्रंथों के प्रणेता ऋषि-मुनियों ने अपनी अंतप्र्रेरणा को अधिक महत्व दिया , भिन्नता या समानता को नहीं।
- प्रवचन ईशावास्य उपनिषद् पर वीडियो प्रवचन ईशावास्य उपनिषद् पर 1995 में बाबाजी ( परम पूज्य स्वामी शंकरानन्द जी) द्वारा मेरठ में शिविर का आयोजन हुआ था।